बवासीर गुदा और मलाशय की सूजी हुई नसों की समस्या है, जो दर्द, खुजली, खून आना और सूजन का कारण बन सकती है। यह स्थिति कब्ज, गर्भावस्था, भारी वजन उठाने, मोटापा और अनियमित जीवनशैली से जुड़ी होती है। आंतरिक और बाहरी दो मुख्य प्रकार की बवासीर पाई जाती हैं, जिनके लक्षण और गंभीरता अलग-अलग हो सकते हैं। हल्के मामलों में आहार और जीवनशैली सुधार से राहत मिलती है, जबकि जटिल स्थितियों में आधुनिक उपचार जैसे लेज़र सर्जरी या अन्य प्रक्रियाओं की आवश्यकता पड़ सकती है।
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बवासीर होने के पीछे कई कारण हो सकते हैं। इनमें से कुछ जीवनशैली और खानपान से जुड़े होते हैं, जबकि अन्य शारीरिक स्थितियों के कारण होते हैं।
मुख्य कारण
बवासीर (पाइल्स) को इसके स्थान और लक्षणों के आधार पर मुख्य रूप से दो प्रकारों में बांटा गया है: आंतरिक बवासीर और बाहरी बवासीर। इन दोनों प्रकारों के लक्षण, कारण और इलाज अलग-अलग हो सकते हैं। आइए इन दोनों प्रकारों को विस्तार से समझते हैं:
1. आंतरिक बवासीर (Internal Hemorrhoids)
आंतरिक बवासीर मलाशय (रेक्टम) के अंदर विकसित होती है और आमतौर पर दिखाई नहीं देती। यह गुदा के ऊपर स्थित होती है और इसमें दर्द नहीं होता क्योंकि इस क्षेत्र में दर्द महसूस करने वाली नसें नहीं होतीं।
लक्षण:
आंतरिक बवासीर को इसके प्रोलैप्स (मस्से का बाहर निकलना) की गंभीरता के आधार पर चार ग्रेड में बांटा गया है:
इस स्थिति में सर्जरी की आवश्यकता हो सकती है।
बवासीर का इलाज इसके प्रकार और गंभीरता पर निर्भर करता है। हल्के मामलों में घरेलू उपाय कारगर हो सकते हैं, जबकि गंभीर मामलों में सर्जरी की जरूरत पड़ सकती है।
1. घरेलू उपाय
SCI अस्पताल जैसी विशेषज्ञ सेवाओं वाली जगह पर जाकर आप आधुनिक तकनीकों से सही इलाज पा सकते हैं।
अगर आप बवासीर से बचना चाहते हैं या इसे बढ़ने से रोकना चाहते हैं, तो इन बातों का ध्यान रखें:
MBBS, MS - General Surgery, DNB - General Surgery, General Surgeon, Laparoscopic Surgeon, Bariatric Surgeon
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बवासीर खत्म करने के लिए सबसे अच्छा तरीका लेजर सर्जरी मानी जाती है। इसके अलावा, सही खानपान और डॉक्टर की सलाह भी मददगार होती है।
लेजर सर्जरी सबसे अच्छा विकल्प माना जाता है क्योंकि यह दर्द रहित होती है और जल्दी ठीक हो जाती है। हल्के मामलों में घरेलू उपाय भी असरदार हो सकते हैं।
हल्के मामलों में बवासीर कुछ दिनों या हफ्तों में ठीक हो सकती है। अगर सर्जरी की जाए तो रिकवरी आमतौर पर 1-2 हफ्ते में हो जाती है।
हालांकि बवासीर सीधे कैंसर का कारण नहीं बनती, लेकिन लंबे समय तक इसे नजरअंदाज करना संक्रमण या अन्य गंभीर समस्याओं को जन्म दे सकता है। इसलिए सही समय पर इलाज कराना जरूरी है।
हाँ, शुरुआती चरणों में घरेलू उपाय, दवाइयाँ और गैर-सर्जिकल प्रक्रियाओं से इसे ठीक किया जा सकता है। लेकिन अगर समस्या गंभीर हो जाए तो ऑपरेशन जरूरी हो सकता है। अगर आपको बवासीर की समस्या हो रही हो तो इसे नजरअंदाज न करें।
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